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गोपाल कृष्‍ण गोखले

गोपाल कृष्‍ण गोखले
 गोपाल कृष्ण गोखले  (1866-1915)

जन्‍म : 9 मई 1866 रत्‍नागिरी, बोम्‍बे प्रेसीडेन्‍सी वर्तमान महाराष्‍ट्र
पिता : कृष्‍णराव गोखले
माता : वालुबाई
शिक्षा : राजाराम हाईस्‍कूल कोल्‍हापुर, एलफिस्‍टन कॉलेज बोम्‍बे
निधन : 19 फरवरी 1915
जीवन परिचय :
 गोपाल कृष्‍ण गोखले का जन्‍म 9 मई 1866 को कटुल्‍क रत्नागिरी  में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा राजाराम हाईस्‍कूल कोल्‍हापुर में हुई । पिता की मृत्‍यु के पश्‍चात परिवार की आर्थिक स्थिति अत्‍यधिक खराब होने के कारण इनके बडे़ भाई ने अपनी शिक्षा छोड़कर  इन्‍हें पढ़ाया।

            सन 1884 में उन्‍होंने बी.ए. की डिग्री हासिल की बाद में उन्‍होंने लॉ कॉलेज बोम्‍बे में  प्रवेश लिया लेकिन आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाये। गोपाल कृष्‍ण गोखले महादेव गोविंद रानाडे से बहुत प्रभावित थे और उन्‍हें अपना राजनीतिक गुरू मानते थे साथ ही साथ वे दादा भाई नौरोजी से भी बहुत प्रभावित थे।
               स्‍नातक की पढ़ाई करने के बाद वे रानाडे द्वारा स्‍थापित ''दक्‍कन एजुकेशन सोसायटी'' के सदस्‍य बने । फर्ग्‍यूसन कॉलेज की स्‍थापना (1885) के बाद उन्‍होंने इस कॉलेज में लेक्‍चरर के रूप में अध्‍यापन किया। 1902 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्‍होने अपने आप को सामाजिक सेवा में लगा दिया।
                सन 1889 में वे भारतीय राष्‍ट्रीय कॉंग्रेस के सदस्‍य बने। सन 1890 में वे सार्वजनिक सभा, पूना  के सचिव के रूप में निर्वाचित हुए जहॉं पर उन्‍होने महादेव गोविन्‍द रानाडे के साथ कार्य किया। सन 1893 में वे बोम्‍बे प्रोविन्सियल कॉन्‍फ्रेस के सचिव बने । सन 1895 में वे बाल गंगाधर तिलक के साथ भारतीय राष्‍ट्रीय काँग्रेस के संयुक्‍त सचिव बने।
             वर्ष 1905 में उन्‍होने '' सर्वेन्‍ट ऑफ इंडिया सोसायटी ''( servant of india society) की स्‍थापना की जिसका उदेश्‍य भारत में युवाओं को शिक्षित तथा प्रशिक्षित करना तथा उनमें राष्‍ट्रीयता की भावना प्रेरित करना था। इसके तहत कई शैक्षणिक संस्‍थान खोले गये। सन 1908 में उन्‍होने ''रानाडे इंस्‍टीट्यूट ऑफ इकॉनोमिक्‍स'' की स्‍थापना भी की।
मुख्‍य तथ्‍य : 
  • सन 1889 में भारतीय राष्‍ट्रीय कॉंग्रेस के सदस्‍य बने।
  • गोपाल कृष्‍ण गोखले भारतीय राष्‍ट्रीय कॉंग्रेस के गरम दल के नेता थे।
  • ''महात्‍मा गॉंधी'' तथा ''मोहम्‍मद अली जिन्‍ना'' दोनों गोपाल कृष्‍ण गोखले को अपना राजनीतिक गुरू मानते थे। 
  • गोखले '' जॉन स्‍टुअर्ट मिल'' तथा '' एडमण्‍ड बुर्के'' से प्रभावित थे।
  • गोपाल कृष्‍ण गोखले 'महादेव गाविन्‍द रानाडे' को अपना राजनीतिक गुरू मानते थे। 
  • सन 1899 में वे ''बोम्‍बे विघान परिषद'' के सदस्‍य निर्वाचित हुऐ। 
  • सन 1902 में ''इम्‍पीरियल विधानपरिषद्'' के लिए चुने गये। 
  • सन 1903 में वे गर्वनर - जनरल की कॉंसिल के सदस्‍य बने। 
  • सन 1904 में उनकी सेवाओं की वजह से ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्‍हें न्‍यू ईयर की ऑनर लिस्‍ट में सीआईए (कम्‍पेनियन ऑफ दी ऑडर ऑफ दी इंडियन) नियुक्‍त किया गया।     
  • सन 1905 में वे भारतीय राष्‍ट्रीय कॉंग्रेस के वाराणसी अधिवेशन के अध्‍यक्ष बने। 
  • सन 1905 में ही उन्‍होंने '' भारत सेवक समाज''(servant of india society) संस्‍था की स्‍थापना की। 
  • वर्ष 1912 से 1915 तक ''इंडियन पब्लिक सर्विस कमीशन'' के सदस्‍य रहे।
 19 फरवरी 1915 में उनकी मृत्‍यु हो गई इस पर बाल गंगाधर ने कहा, कि '' आज भारत के कोहिनूर, महाराष्‍ट्र के आभूषण तथा श्रमिकों के राजकुमार का देहान्‍त हो गया।''



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